Ek shandar sanman

मुंबई क्रिकेट असोसिएशन (MCA) द्वारा आयोजित एक विशेष समारोह में, 20 मार्च, 2025 को दो महान हस्तियों – दिलीप वेंगसरकर और रत्नाकर शेट्टी – को जीवनकाल उपलब्धि पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार उनके भारतीय क्रिकेट के विकास में अमूल्य योगदान को मान्यता देता है। दिलीप वेंगसरकर एक ऐसे क्रिकेटर थे जिनकी बल्लेबाजी शैली और रिकॉर्ड आज भी प्रशंसकों के दिलों में बसी है, जबकि रत्नाकर शेट्टी ने प्रशासनिक क्षेत्र में क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस लेख में, हम इन दोनों व्यक्तियों के जीवन, उनके योगदान और MCA द्वारा दिए गए इस सम्मान के महत्व पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
दिलीप वेंगसरकर का करियर
दिलीप वेंगसरकर का जन्म 6 अप्रैल, 1956 को महाराष्ट्र के राजापुर में हुआ था। उन्होंने 1975 में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना पहला टेस्ट मैच खेला और 1983 विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। उनके 116 टेस्ट मैचों में 6868 रन और 17 शतक शामिल हैं। वह लॉर्ड्स में तीन लगातार शतक बनाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज भी हैं। उनके नेतृत्व में भारत ने 1988 एशिया कप जीता।
रत्नाकर शेट्टी का योगदान
रत्नाकर शेट्टी, एक रसायन विज्ञान के प्रोफेसर, ने 1990 से MCA में विभिन्न पदों पर कार्य किया और 2006 में BCCI के पहले मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (CAO) बने। उन्होंने 2011 विश्व कप के टूर्नामेंट निदेशक के रूप में काम किया और युवा क्रिकेट में उम्र सत्यापन सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी प्रशासनिक क्षमता को शरद पवार और दिलीप वेंगसरकर जैसे हस्तियों ने सराहा है।
MCA सम्मान का महत्व
यह पुरस्कार समारोह महाराष्ट्र के गवर्नर सी.पी. राधाकृष्णन द्वारा MCA शारद पवार इनडोर क्रिकेट अकादमी, बीकेसी, मुंबई में आयोजित किया जाएगा। यह सम्मान न केवल उनके योगदान को मान्यता देता है बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को प्रेरित करता है।
विस्तृत सर्वेक्षण नोट
मुंबई क्रिकेट असोसिएशन (MCA) द्वारा 20 मार्च, 2025 को आयोजित एक विशेष समारोह में दिलीप वेंगसरकर और रत्नाकर शेट्टी को जीवनकाल उपलब्धि पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है। यह सम्मान उनके भारतीय क्रिकेट के विकास में अमूल्य योगदान को मान्यता देता है। इस लेख में, हम इन दोनों व्यक्तियों के जीवन, उनके योगदान और MCA द्वारा दिए गए इस सम्मान के महत्व पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
दिलीप वेंगसरकर: एक क्रिकेट लीजेंड
दिलीप बलवंत वेंगसरकर का जन्म 6 अप्रैल, 1956 को महाराष्ट्र के राजापुर में हुआ था। उनका परिवार मुंबई (तब बॉम्बे) में रहता था, जहां उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की। उन्होंने मुंबई के किंग जॉर्ज स्कूल से पढ़ाई की और बाद में आर.ए. पोदार कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स से बी.कॉम की डिग्री हासिल की। क्रिकेट के प्रति उनका लगाव बचपन से ही था, और 1973 में उन्होंने बॉम्बे (अब मुंबई) टीम के लिए इरानी ट्रॉफी में खेलना शुरू किया। उनकी प्रतिभा को जल्द ही पहचाना गया, और 1975 में उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल किया गया।
उन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच 1975 में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला, लेकिन शुरुआती दिनों में उन्हें अपेक्षित सफलता नहीं मिली। 1977-78 के ऑस्ट्रेलिया दौरे ने उनके करियर को एक नई दिशा दी। पर्थ में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में उन्होंने 103 रन बनाए, जिससे भारत ने मैच ड्रॉ कराया। इसके बाद, वेंगसरकर ने पलटवार करते हुए खुद को भारतीय टीम का अभिन्न अंग साबित किया।
1979 में, उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में एक शतक बनाया, जो उनके करियर का एक परिभाषित पल था। वह लॉर्ड्स में तीन लगातार शतक बनाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बन गए (1979, 1982, और 1986 में)। 1980 के दशक में, वेंगसरकर भारतीय बल्लेबाजी क्रम का रीढ़ बन गए। उन्होंने वेस्ट इंडीज, पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीमों के खिलाफ लगातार शानदार प्रदर्शन किया।
1983 विश्व कप एक ऐसा टूर्नामेंट था जिसने भारतीय क्रिकेट को हमेशा के लिए बदल दिया, और वेंगसरकर इस ऐतिहासिक जीत का हिस्सा थे। भले ही वह फाइनल में नहीं खेल पाए, लेकिन सेमीफाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ उनकी 60 रनों की पारी ने भारत को फाइनल तक पहुंचने में मदद की। भारत ने फाइनल में वेस्ट इंडीज को हराकर विश्व कप जीता, और वेंगसरकर इस जीत के नायकों में से एक थे।
वेंगसरकर ने 1987 से 1989 तक भारतीय टीम की कप्तानी भी की। उनके नेतृत्व में भारत ने 1988 एशिया कप जीता। हालांकि, 1989 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खराब प्रदर्शन के बाद उन्हें कप्तानी से हटा दिया गया। उन्होंने 1992 में अपना अंतिम टेस्ट मैच खेला, जो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ था। उस समय तक, उन्होंने 116 टेस्ट मैचों में 6868 रन बनाए थे, जिसमें 17 शतक और 39 अर्धशतक शामिल थे। ODI में, उन्होंने 129 मैचों में 3508 रन बनाए।
उनकी बल्लेबाजी औसत 42.13 थी, जो उस समय के भारतीय बल्लेबाजों में से एक उच्चतम थी। वह सुनील गावस्कर के बाद दूसरे भारतीय बल्लेबाज थे जिन्होंने 6000 टेस्ट रन बनाए। दिलीप वेंगसरकर को उनकी खूबसूरत स्ट्रोकप्ले और संतुलित बल्लेबाजी शैली के लिए जाना जाता है। वह एक ऐसे बल्लेबाज थे जो गेंद को सम्मान देते थे और इसे सही जगह पर भेजने में माहिर थे। उनका ड्राइव शॉट उनकी पहचान था, और वह इसे बड़ी आसानी से खेलते थे।
वेंगसरकर ने वेस्ट इंडीज के तेज गेंदबाजों – माइकल होल्डिंग, मल्कम मार्शल और एंडी रॉबर्ट्स – के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने वेस्ट इंडीज के खिलाफ छह शतक बनाए, जो उस समय एक असाधारण उपलब्धि थी। अपने क्रिकेट करियर के बाद, वेंगसरकर ने भारतीय क्रिकेट के लिए योगदान जारी रखा। उन्होंने 2006 से 2010 तक चयनकर्ताओं के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया, जहां उन्होंने युवा खिलाड़ियों जैसे विराट कोहली और रोहित शर्मा को टीम में शामिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2014 में, उन्हें BCCI द्वारा सी.के. नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया, जो भारतीय क्रिकेट का सर्वोच्च सम्मान है।
रत्नाकर शेट्टी: प्रशासन का स्तंभ
रत्नाकर शेट्टी का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था, और वह एक रसायन विज्ञान के प्रोफेसर थे। उनका क्रिकेट से जुड़ाव 1990 में शुरू हुआ जब उन्हें MCA (मुंबई क्रिकेट असोसिएशन) की प्रबंधन समिति का सदस्य चुना गया। इसके बाद, उन्होंने MCA में विभिन्न पदों पर कार्य किया, जिसमें टूर्नामेंट सचिव, संयुक्त मानद सचिव और मानद कोषाध्यक्ष शामिल हैं। 2005 में, उन्हें MCA का मानद कोषाध्यक्ष चुना गया।
2006 में, शेट्टी को BCCI का पहला CAO (मुख्य प्रशासनिक अधिकारी) नियुक्त किया गया, जो भारतीय क्रिकेट प्रशासन में एक ऐतिहासिक नियुक्ति थी। इस पद पर, उन्होंने BCCI के दैनिक संचालन और विभिन्न टूर्नामेंटों की योजना और आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शेट्टी ने 2011 विश्व कप के टूर्नामेंट निदेशक के रूप में कार्य किया, जो भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश में संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था। इस टूर्नामेंट को व्यापक रूप से एक सफल आयोजन माना गया, और शेट्टी की भूमिका इसकी सफलता में महत्वपूर्ण थी।
शेट्टी ने युवा क्रिकेट में उम्र सत्यापन पर भी जोर दिया। उन्होंने X-रे परीक्षणों को अनिवार्य बनाया, जिससे युवा खिलाड़ियों के लिए एक समतल खेल क्षेत्र सुनिश्चित हुआ। इसके अलावा, उन्होंने MCA और अन्य राज्य क्रिकेट संघों में बुनियादी ढांचे में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शेट्टी ने महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों के लिए पेंशन योजना शुरू करने में भी योगदान दिया। उन्होंने BCCI और ICC (अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) के बीच संबंधों को मजबूत करने और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों की योजना और आयोजन में BCCI की भूमिका को बढ़ाने में भी अहम भूमिका निभाई।
शेट्टी को उनके समर्पण और पेशेवर दृष्टिकोण के लिए व्यापक रूप से सम्मानित किया गया है। दिलीप वेंगसरकर ने उन्हें “खिलाड़ियों के प्रति सबसे अधिक मित्रवत प्रशासक” कहा है, जबकि शरद पवार ने उनकी प्रशासनिक क्षमता और विवरण की आंख की प्रशंसा की है।
MCA सम्मान: विस्तृत विवरण
MCA द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में दिलीप वेंगसरकर और रत्नाकर शेट्टी को जीवनकाल उपलब्धि पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार उनके भारतीय क्रिकेट के प्रति योगदान को मान्यता देता है। समारोह महाराष्ट्र के गवर्नर सी.पी. राधाकृष्णन द्वारा आयोजित किया जाएगा और यह MCA शारद पवार इनडोर क्रिकेट अकादमी और रिक्रिएशन सेंटर, बीकेसी, मुंबई में होगा।